प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में तमाम बदलाव आते हैं। प्रेग्नेंसी एक जटिल प्रक्रिया है गर्भावस्था में हार्मोस में बदलाव की वजह से महिलाओं के चेहरे की आभा बढ़ जाती है। वहीं कुछ को त्वचा संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस समय पोष्टिक आहार, पर्याप्त नींद और भरपूर आराम जरूरी है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान पूरी सेहत के साथ-साथ स्किन का भी खास ख्याल रखना चाहिए।
यहां यह भी याद रखने वाली बात है कि बाजार में मिलने वाले कॉस्मेटिक्स इस समय आपकी और आपके होने वाले बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसलिए इनका भी देखभाल कर ही इस्तेमाल करें।
• गर्भावस्था में व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखकर हर्बल उत्पादों का प्रयोग जरूरी है।
• शुष्क त्वचा है तो रोज मॉस्चराइज्ड करें।
• त्वचा पर मॉस्चराइजिंग लोशन और सनस्क्रीन का उपयोग करें।
• रात में नॉरिशिंग क्रीम से कुछ मिनट त्वचा की मालिश कर गीले कॉटन से साफ करें।
• तैलिया त्वचा के लिए क्लीजिंग लोशन लगाएं।
• तवचा पर दाने आदि हो, तो सप्ताह में दो तीन बार स्क्रब का उपयोग करें।
• गर्मी में हल्के रंग का लोशन लगाएं । जरूरत के हिसाब से कई बार लगा सकती हैं।
• इस समय महिलाओं के गालों, माथे, नाक, या ठोड़ी पर दाग धब्बे हो जाते हैं। इनसे बचने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें।
• 12 से 3 बजे तक सूर्य की किरणों के संपर्क में न आए। एस. पी.एफ सनस्क्रीन घर से निकलने से 20 मिनट पहले लगा ले, ताकि पूरी तरह सूख जाएं। त्वचा पर फुंसियां न हो, तो स्क्रब और फेशियल क्रीम लगाएं।
• दही व हल्दी का पेस्ट रोज धब्बों पर 20 मिनट लगाकर धो दें।
• शहद व नींबू के रस का मिश्रण धब्बों पर 20 मिनट लगाकर धो दें ।
• बादाम चुरे या चावल का पाउडर दही में मिलाकर 15 मिनट चेहरे पर लगाकर धो दें।
• सप्ताह में दो बार फेस मास्क उपयोग करें ।
• चोकर, बादाम चूरा, शहद, दही व नींबू रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद धो दें।
प्रेग्नेंसी के दौरान तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए। अगर धूप में जा रहे हों तो कोई अच्छा सनस्क्रीन जरूर लगाएं। । इसके अलावा धूप में निकलें तो हैट वगैरह लगा कर निकलें। प्रेग्नेंसी में सबसे बड़ी समस्या पिगमेंटेशन की होती है। मतलब शरीर के कुछ हिस्सों का रंग सांवला हो जाता है। खासकर चेहरा और गर्दन की त्वचा पर इसका ज्यादा असर दिखाई देता है। इसकी एक ही वजह है और वह है शरीर के हॉर्मोन्स का असर।
दाग त्वचा में ज्यादा खिंचाव से पडते हैं। जिससे त्वचा में लचीलापन खत्म हो जाता है, वजन बढ़ने के बाद घटने से भी पड़ जाते हैं। ये विभिन्न हिस्सों पर हो सकते हैं। खास कर पेट पर। देख लें कि धब्बे त्वचा के बाहरी सतह पर ही नहीं बल्कि निचली परत पर खिंचाव से भी हो जाते हैं। हालांकि कुछ समय बाद स्वयं ही फीके पड़ जाते हैं, लेकिन पूरी तरह नहीं जाते हैं। हालांकि कुछ समय बाद सेम ही पीके पर जाते हैं लेकिन पूरी तरह नहीं जाते। गर्भ धारण करने के तुरंत बाद पेट की मालिस के लिए एक चिकित्सक की सलाह जरूर लें, जिससे त्वचा का खिंचाव बरकरार रहे। तिल या जैतून के तेल से पेट की मालिश करने से दाग फीके पड़ जाते हैं। बेसन, दही व हल्दी का मिश्रण प्रभावित हिस्सो पर सप्ताह में दो बार आधे घंटे लगाए।