बढ़ती उम्र के साथ-साथ महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें शुरू हो जाती है पीरियड के समय दर्द, तनाव, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ऑस्टयोपोरोसिस दर्द से परेशान होती है इससे बचाव के लिए पोस्टिक खानपान के साथ साथ स्वास्थ्य जीवन शैली में बदलाव जरूरी है महिलाएं इन 5 योगासनों को नियमित करने से कई तकलीफों से बच सकती है
शवासन की मुद्रा में पीठ के बल लेट जाए बाहों को दोनों तरफ पैर की दिशा में फैलाएं घुटनों को मोड़े और तलवों को जमीन से लगा कर रखें | दोनों तलवों को नमस्कार की मुद्रा में एक दूसरे के करीब लाकर जमीन से लगाए कोशिश करें कि एडियों को जांघ की और लाए इस मुद्रा में 30 सेकंड तक बने रहे दोनों हाथों से जांघ को दबाए और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आए |
लाभ :
पांव घुटने की बढ़ी हुई नसों प्रजनन क्षमता पेशाब संबंधी समस्या में फायदा पहुंचाता है साथ ही तन मन को स्फूर्ति व नई ऊर्जा से बढ़ता है
एडियों के बल पर बैठ जाएं एडी को कूल्हों पर रखे आगे की ओर झुक है और माथे को जमीन पर टिकाने की कोशिश करें हाथों से पैर का अंगूठा पकड़े छाती से जांघों पर जितना आसानी हो सके उतना दबाव दे इस मुद्रा में 30 सेकंड तक रखे धीरे से उठकर एडी पर बैठ जाएं और रीड की हड्डी को धीरे धीरे सीधा करें |
लाभ:
मन-मस्तिष्क में शांति का अनुभव होता है हार्मोनल बदलाव के समय यह मानसिक स्थिरता वह तनाव को कम करता है
शरीर को एक मेज की स्थिति में लाएं पीठ मैच की ऊपरी हिस्से की तरह हो और दोनों हाथ और पैर मेज के पैर की तरह | सांस छोड़ते हुए कमर ऊपर उठाएं इसके बाद शरीर से उल्टा वी आकार बनाएं कंधों के जितने दूरी पर हो पैर कमर की दूरी के बराबर वह एक दूसरे के समांतर हो | पैर की अंगुलिया सामने हो गले को तना रखते हुए कानो को बाहों से स्पर्श कराएं गहरी सांस लें वापस मेज वाली स्थिति में आए |
लाभ:
यह आसन शरीर के ऊपरी हिस्से कंधे और हाथों को मजबूती देता है रक्त का प्रवाह सिर की तरफ रहने से मन को शांति और तनाव से आराम मिलता है
शवासन की मुद्रा में लेट जाए हथेलियों को जांघों के पास जमीन से टिका ले दोनों पैरों को एक दूसरे से मिलकर रखे और मुख आसमान की ओर सीधा रखें धीरे-धीरे सांस ले पेट को सिकोड़कर पैरों को बिना मोड़े धीरे-धीरे ऊपर की और उठाएं जब दोनों पैर शरीर के 90 अंश का कोण बनाने लगे तो धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए उसी स्थिति में 30 सेकंड से 2 मिनट तक रुके अपनी क्षमता के अनुसार यह प्रक्रिया 3-6 दोहराएं
लाभ:
अनियमित माहवारी के दर्द में लाभकारी है नियमित अभ्यास से प्रसव में आसानी होती है इसके अलावा फेफड़े और दिल को मजबूती मिलती है
पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़े पैरों के बीच 1 फीट की दूरी रखे गहरी सांस लेते हुए पीठ के निचले मध्य व ऊपरी हिस्से को जमीन से उठाएं कंधों को अंदर की ओर ले थोड़ी को छाती से टच कर आएं इस दौरान शरीर के निचले हिस्से को स्थिर रखें हाथों से एडी के ऊपर हिस्से को पकड़ सकते है इस स्थिति में 1 या 2 मिनट रहने की कोशिश करें धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाए |
लाभ:
पेल्विक को मजूती अनियमित व र्द युक्त माहवारी जोड़ों में दर्द से राहत देता है जरूरी अंगों में प्राण शक्ति का संचार करता हैं |
इन योगासनों को करने से पहले फ्रेश हो ले । खाली पेट न करे । हवादार व् खुली जगह पर इन योगासनों को करे । गर्भवती महिलाएं ये योग आसन बिना चिकित्सक की सलाह के नही करें सभी आसन योग विशेषज्ञ के निर्देशन मेें करे